सावधानी जिस तरह से ये रत्न लाभ पहुंचाते हैं उसी तरह से यदि अनजाने में भी गलत रत्न धारण कर लें तो बहुत तेजी से शरीर को नुकसान भी पहुंचाते हैं। इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि माणिक्य और उसके किसी भी विकल्प के साथ हीरा, नीलम, लहसुनिया और गोमेद को नहीं पहनना चाहिए।
ज्योतिष और माणिक्य के लाभ
माणिक्य सूर्य का रत्न है। इसको धारण करने के संबंध में कुंडली में सूर्य की स्थिति को देखा जाता है। बेहतर होता है कि किसी जानकार ज्योतिषाचार्य की सलाह लेने के बाद ही माणिक्य धारण करें किन्तु यहां कुंडली में सूर्य की उपस्थिति के अनुसार माणिक्य धारण करने के विषय में सामान्य बिन्दु प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
सूर्य लग्न में हो तो सूर्य का तेज कई प्रकार से बाधाएं देता है। इनमें संतान से संबंधित समस्या प्रमुख है। तथा स्त्री के लिए भी यह कष्टदायक होता है। ऐसे लोगों को माणिक कदापि नहीं धारण करना चाहिए।
दूसरे भाव में सूर्य धन प्राप्ति में बाधा उत्पन्न करता है। जातक की नौकरी और कारोबार में व्यवधान उत्पन्न होता है। इस स्थिति में माणिक्य धारण करना लाभदायक माना जाता है। माणिक्य सूर्य के प्रभाव को शुद्ध करता है और जातक धन आदि की अच्छी प्राप्ति कर पाता है।
तीसरे भाव में सूर्य का होना छोटे भाई के लिए खतरा उत्पन्न करता है। ऐसे लोगों के छोटे भाई अक्सर नहीं होते हैं या फिर मृत्यु हो जाती है। सूर्य की इस स्थिति में भी माणिक्य धारण करना उचित रहता है।
चौथे भाव में सूर्य नौकरी, ऐशो-आराम आदि में बाधाएं उत्पन्न करता है। ऐसी स्थिति में भी माणिक्य धारण किया जा सकता है।
पांचवें भाव में सूर्य हो तो अत्यधिक लाभ व उन्नति के लिए माणिक्य पहनना चाहिए।
यदि सूर्य भाग्येश और धनेश होकर छठे अथवा आठवें स्थान पर हो तो माणिक्य धारण करना लाभ देता है।
यदि सूर्य सप्तम भाव में हो तो वह स्वास्थ्य संबंधि परेशानियां देता है। ऐसे लोग माणिक्य पहनकर स्वास्थ्य में सुधार महसूस करते हैं।
सूर्य अष्टमेश या षष्ठेश हो कर पाचवें अथवा नवे भाव में बैठा हो तो जातक को माणिक्य धारण करना चाहिए।
अगर जन्मकुंडली में सूर्य अपने ही भाव अर्थात अष्टम में हो तो ऐसे लोगों को अविलंब माणिक्य धारण करना चाहिए।
ग्यारवें भाव में स्थित सूर्य पूत्रों के विषय में चिंता देता है साथ ही बड़े भाई के लिए भी हानिकारक होता है। ऐसे व्यक्तियों को भी माणिक्य धारण कर लेना चाहिए।
सूर्य बारहवें भाव में हो तो वह आंखों के लिए समस्याएं उत्पन्न करता है। अत: नेत्रों को सुरक्षित रखने हेतु माणिक्य धारण करना बेहतर होता है।